"युवा" के उद्देश्य :-
1. "युवा" अपने सदस्यों को सभी प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे- केंद्रीय एवं राज्य लोक सेवा आयोग,
कर्मचारी चयन आयोग, बैंक, रेल्वे, व्यापमं एवं अन्य शासकीय एवं अर्द्ध-शासकीय परीक्षाओं की
तैयारियों के लिए "नि:शुल्क" शिक्षा एवं मार्गदर्शन उपलब्ध करना। नि:शुल्क शिक्षा के साथ ही साथ युवा
वर्ग में चेतन व्यक्तित्व के निर्माण में सहायता करना तथा उन्हें उपयोगी ज्ञान की प्राप्ति की ओर उन्मुख
करना।
2. युवा सदस्यों के लिए पुस्तकालय है जिसमे प्रतियोगी परीक्षाओं से सम्बंधित सभी पुस्तक और पत्रिका, देश के प्रमुख मैगज़ीन , हिंदी व अंग्रेजी समाचार पत्र , ज्ञानवर्धक पुस्तके आदि उपलब्ध है। पुस्तकालय प्रतिदिन सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक संचालित होती है।
3. नियमित रूप से वाद-विवाद, सामूहिक परिचर्चा, विचार गोष्ठियों, साक्षात्कार तथा सामान्य ज्ञान पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के अतिरिक्त अन्य ऐसे कार्यक्रम का आयोजन करना जो व्यक्तित्व विकास में सहायक हो।
4. राज्य में सामाजिक, सांस्कृतिक, और मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन कर युवा सदस्यों में सामाजिक, सांस्कृतिक भावना का विकास करना तथा उनके आत्म-अनुशासन एवं आत्म-विश्वास विकसित करना।
5. युवा सदस्यों को राज्य में संचालित होने वाली विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं, सामाजिक आयोजनों में संस्था का प्रतिनिधि बनाकर भेजना।
6. युवा सदस्यों में सृजनात्मक एवं रचनात्मक कार्यों को प्रोत्साहित कर देश के विकास में योगदान देना. सामाजिक कुरूतियों एवं विषमताओं को समाप्त करने के लिए सामूहिक अभियान चलाना।
7. "युवा" युवाओं के सम्पूर्ण विकास पर ध्यान देती है। युवा न सिर्फ एक मंच प्रदान कर रहा है बल्कि
एक विज़न दे रहा है अधिकतम क्षमता का प्रयोग कर बेहतर आउटपुट प्राप्त करने का।युवा का
उद्देश्य केवल व्यक्ति विशेष का विकास नहीं है बल्कि व्यक्तित्व विकास के साथ एक दृष्टि विकसित
की जाये , जिससे हम समाज के लिए भी कुछ कर सके।
युवा इन सभी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन सुबह 8 बजे से 10 बजे तक और शाम को 6 बजे से 8
बजे तक निःशुल्क क्लास का आयोजन करती है। यहां प्रत्येक रविवार को प्रतियोगी परीक्षा का
भी आयोजन किया जाता है। यहां प्रत्येक रविवार को प्रतियोगी देश एवं राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के
विख्यात प्रबुद्धजनों जैसे प्रशासन, शिक्षा ,कला, फिल्म, विज्ञान, पुरातत्व, पत्रकारिता, कविता, दूरदर्शन ,
रेडियो एवं अन्य संस्थानों के प्रमुखों का सेमिनार किया जाता है जो अपने अपने क्षेत्रों में महारत हासिल
किए हुए है।
उपरोक्त उद्देश्यों के अतिरिक्त "युवा" संस्था विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करती है जैसे-